उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई,स्मार्ट पुलिसिंग में उत्तराखंड एसटीएफ ने साबित किया अपना दमखम

वर्ष 2023 से आजीवन सजा काट रहा फरार 50 हजार का ईनामी हत्यारे जरनैल सिंह को थाना देचू, जिला फलोदी, जोधपुर राजस्थान से दबोचा
ईनामी पर वर्ष 1995 में थाना नानकमत्ता क्षेत्र में साथियों के साथ मिलकर एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उक्त मुकदमें में वह सितारगंज जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था
रुद्रपुर। डीजीपी दीपम सेठ ने उत्तराखण्ड राज्य में जघन्य अपराधों में लम्बे समय से वांछित इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी को एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर को निर्देशित किया गया। डीजीपी के निर्देश के तहत एसएसपी ने सीओ एसटीएफ आरबी चमोला के पर्यवेक्षण में एक टीम का गठन कर फरार अपराधियों की गिरफ्तारी को दिशा-निर्देश दिये। एसएसपी एसटीएफ कार्यालय से जारी सूचना के मुताबिक एसटीएफ की कुमायूँ युनिट ने थाना सितारगंज जनपद ऊधमसिंह नगर पुलिस को साथ लेकर 7 फरवरी देर रात्रि थाना सितारगंज के 50 हजार ईनामी हत्यारे जरनैल सिंह पुत्र बंजारा सिंह निवासी ग्राम बिचई नानकमत्ता को सुदूर राजस्थान के फलोदी जनपद से गिरफ्तार किया। वह वर्ष 2023 में सेन्ट्रल जेल सितारगंज से फरार हो गया था। पकड़े गए ईनामी की गिरफ्तारी के संबंध में एसएसपी नवनीत भुल्लर ने जानकारी देते हुए बताया कि एसटीएफ की गठित टीम ने तकनीकी तथा भौतिक सूचनाओं का विश्लेषण करते हुये अपने अथक प्रयास से उक्त अपराधी की पहचान स्थापित की फिर टीम ने राजस्थान से उसकी गिरफ्तारी की। उन्होंने बताया कि एसटीएफ की इस कार्रवाई में हेड कांस्टेबल मोहित वर्मा, हेड कांस्टेबल किशोर कुमार व सर्विलांस में तैनात किशन चन्द्र की विशेष भूमिका रही। उन्होंने बताया कि
अभियुक्त जरनैल सिंह ने साथियों के साथ मिलकर 14 अगस्त 1995 को नानकमत्ता क्षेत्र में मक्खन सिंह नामक एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक के पिता चरण सिंह पुत्र धुमा सिंह निवानी नगला थाना नानकमत्ता की ओर से नानकमत्ता थाने में मुकदमा एफआईआर संख्या 310/95 धारा 302/34 आईपीसी पंजीकृत कराया था। अभियुक्त को कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी। तब से अभियुक्त सितारगंज जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। 27 अगस्त 2023 को वह सितारगंज जेल से फरार हो गया। तब उसके विरुद्ध एक और मुकदमा सितारगंज थाने में पंजीकृत कराया गया। उस पर 25 हजार इसके बाद में 50 हजार का ईनाम घोषित किया गया। उन्होंने बताया कि जेल से फरार अपराधी जरनैल सिंह से सम्बन्धित पुर्व में किये गये तकनीकी एवं भौतिक सूचनाओं जैसे अपराधी का फिंगर प्रिन्ट, वाईस सैम्पल व अन्य दस्तावेजो का बारीकी से विशलेषण किया। विशलेषण से प्राप्त नए तथ्यों का डिजीटल एवं भौतिक सत्यापन को टीम को पंजाब व राजस्थान भेजा गया। टीम ने एक संदिग्ध व्यक्ति को चिन्ह्ति किया। जिसके पास सतपाल सिंह पुत्र गुरचरण सिंह निवासी बार्डर 24 डबलीराठान, हनुमानगढ़ राजस्थान का आधार पहचान पत्र था। अपराधी के चेहरे के मिलान को विभिन्न साफ्टवेयर का प्रयोग किया। उसकी पहचान को स्थापित हो जाने पर अभियुक्त को 7 फरवरी 2025 को राजस्थान से गिरफ्तार किया। उसे संबंधित कोर्ट में पेश करने के बाद ट्रांजिट रिमाण्ड लेकर उत्तराखण्ड लाया गया।
इंसेट
अभियुक्त जरनैल सिंह ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि उसे अभियोग में आजीवन कारावास की सजा मिलने पर मैं सितारगंज जेल में बन्द था। 27 अगस्त 23 को मौका पाकर जेल से फरार हो गया और सीधे भागकर पंजाब गया। जहाँ फाजलक्का थाना सिटी-1 जिला फाजलक्का में मेरा परिवार रहता है और तुरन्त ही वहाँ से भागकर राजस्थान में जोधपुर के पास देचू थाना क्षेत्र में आ गया। सम्पत नाम के व्यक्ति के घऱ में रहकर उसके साथ मजदूरी करने लगा यहीँ से सतपाल सिंह पुत्र गुरचरण सिंह के नाम से फर्जी आधार कार्ड बना लिया।
उत्तराखण्ड एसटीएफ टीम में निरीक्षक एमपी सिंह,एसआई केजी मठपाल, हेड कांस्टेबल किशोर कुमार,हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कनवाल,मोहित वर्मा,ओपी कृष्ण चंद्र शर्मा सर्विलेंस के अलावा
थाना सितारगंज पुलिस टीम से चौकी प्रभारी सिडकुल दीपक कौशिक,अमित जोशी,राजेन्द्र गोस्वामी आदि शामिल रहे।