ठेकेदारी में शोषण, हादसे, बर्खास्तगी, माँग पत्रों को उलझाने के खिलाफ श्रमायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन

श्रमायुक्त को सौंपा ज्ञापन,मांगो का निस्तारण न होने पर आंदोलन की चेतावनी
रुद्रपुर। सेंटर फॉर स्ट्रगलिंग ट्रेड यूनियंस (सीएसटीयू), उत्तराखंड की ओर से सिड़कुल औद्योगिक क्षेत्र में ठेकेदारी में शोषण, बढ़ते हादसे, गैरक़ानूनी बर्खास्तगी, माँगपत्रों को उलझाने के खिलाफ श्रमायुक्त कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। उप श्रमायुक्त को 4 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी सौंपा। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि श्रम अधिकारी शोषण पर रोक लगाने,मज़दूरों को न्याय देने की पुरानी परंपरा की जगह प्रबंधन की इच्छा अनुरूप सभी मामले श्रम न्यायालय संदर्भित करने की मनमानी परंपरा बंद हो! गैरकानूनी ठेका प्रथा पर रोक लगाने; ठेकेदारी में शोषण, वेतन,पीएफ,ईएसआई,बोनस में धोखाधड़ी बंद करने; समान काम पर समान वेतन व स्थाई काम पर स्थाई नौकरी का क़ानूनी प्रावधान लागू करने समेत लंबित माँग पत्रों का सर्वसहमती से निस्तारण आदि की मांग उठाई गई।
सीएसटीयू ने समस्याओं के समाधान की माँग की। साथ ही उपरोक्त प्रकरण के संबंध में श्रम अधिकारी के साथ वार्ता करने और संबंधित आवश्यक तथ्य प्रस्तुत करने की बात कही। शोषण बंद नहीं हुआ तो मज़दूर आंदोलन को बाध्य होंगे। वक्ताओं ने कहा कि सिड़कुल क्षेत्र में अस्थाई,ठेका मज़दूरों से काम कराना आमबात हो गई है। साथ ही ठेका मज़दूरों के साथ गैरक़ानूनी शोषण भयावह रूप ले चुका है। मज़दूरों से 12-14 घंटे हाड़तोड़ काम कराना, सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन, क़ानूनन बोनस न देना परंपरा बन गई है। लेकिन श्रम अधिकारी न्याय देने की जगह टरकाने का काम करते हैं।
श्रमिक नेताओं ने बताया कि पहले ज्यादातर विवाद श्रम अधिकारियों की मेज पर निस्तारित होते रहे हैं। लेकिन आज हालात ये हैं कि निस्तारण की जगह वार्ताओं की कुछ खानापूर्ति करके श्रम न्यायालय संदर्भित कर दिया जाता है।लेकिन श्रम अधिकारी इसमें भी कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। प्रदर्शन में सीएसटीयू के केन्द्रीय महासचिव मुकुल,चंद्र मोहन लखेड़ा, सीएसटीयू उत्तराखंड के अध्यक्ष शंभू शर्मा, माहसचिव धीरज जोशी, दिनेश चन्द्र, करोलिया, हरेन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह, पवन कुमार सिंह,वीरेन्द्र कुमार,गोविंद सिंह, चंदन सिंह रौतेला,रामजीत सिंह,
हरेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।