महिला की गला काट कर हत्या करने वाले मुस्ताक के मकान पर चला बुलडोजर

कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में रहा पुलिस फोर्स तैनात,एसटी की जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाया था मुस्ताक के पिता ने मकान
रूद्रपुर। पूजा को प्रेम जाल में फंसाकर उसकी गला काटकर हत्या करने के आरोपी मुस्ताक अहमद के पिता के मकान पर पुलिस प्रशासन ने बुल्डोजर की कार्रवाई करते हुए मकान को ध्वस्त कर दिया। मकान अनुसूचित जनजाति वर्ग की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाया गया था। पिछले दिनों नानकमत्ता क्षेत्र में पूजा नाम की युवती की दूसरे समुदाय के युवक मुस्ताक अहमद द्वारा गला काटकर निर्मम हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया था। पूजा की गुमशुदगी की रिपोर्ट उसकी बहन ने पूर्णिमा ण्डल ने गुड़गाव हरियाणा में दर्ज कराई थी। दरअसल नानकमत्ता की वार्ड 4 बंगाली कॉलोनी निवासी पूजा मंडल ने अपनी मृत्यु से पहले ही अपनी हत्या का संदेह व्यक्त किया था। उसने बताया था कि मुस्ताक अहमद से उसकी पहचान रुद्रपुर में हुई थी। तब उसने अपना नाम संजय यादव बताया। कुछ दिनों बाद गुड़गांव हरियाणा के एक मंदिर में उसने पहचान छिपाकर पूजा के साथ हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली। बाद में कपड़े धोने के दौरान कपड़ों में निकली आईडी से उसे पता चला कि संजय यादव हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम मुस्कान अहमद है। सच्चाई पता लगने पर मुस्ताक अहमद और उसके परिवार ने पूजा पर हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम धर्म अपनाने का दबाव भी बनाया था। बाद में मुस्ताक ने पूजा को रास्ते से हटाने के लिए नदन्ना नहर स्थित काली पुलिया खटीमा के पास गर्दन काटकर उसकी हत्या कर लाश नदी में फेंक दी थी। मुस्ताक की निशान पर हरियाणा की पुलिस ने पूजा धड़ बरामद किया था। जबकि उसका सिर पुलिस को अभी तक बरामद नहीं हुआ है। लव जिहाद के इस मामले को लेकर लोगों में भारी आक्रोश था। हिंदू संगठनों ने इस मामले में प्रदर्शन कर आरोपी को फांसी देने की मांग की थी। विवेचना फिलहाल हरियाणा पुलिस कर रही है। इधर मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले की पुलिस और प्रशासन ने भी आरोपी के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। डीएम नितिन भदौरिया और और एसएसपी मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर सोमवार को आरोपी मुस्ताक अहमद के पिता अली अहमद के ग्राम गौरीखेड़ा सितारगंज में स्थित अवैध निर्माण को बुल्डोजर की मदद से ध्वस्त कर दिया। यह निर्माण अनुसूचित जनजाति वर्ग की भूमि पर अवैध रूप से किया गया था। जिला प्रशासन ने जब जांच की तो पता चला कि यह जमीन मथुरा सिंह पुत्र नारायण सिंह निवासी ग्राम थारू गौरीखेड़ा के नाम दर्ज है। जिस पर मुस्ताक के पिता अली अहमद ने मकान बनाया था। मथुरा सिंह अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं। मथुरा प्रसाद के पिता के मृत्यु के उपरांत उक्त भूमि विरासतन मथुरा प्रसाद के नाम पर दर्ज हो गयी। जिला प्रशासन ने इस सम्बंध में पूर्व में नोटिस भी जारी किया था। मकान की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही।

